हर रात मैं एक ही सपने में खो जाता। एक अजनबी, जिसे मैंने कभी नहीं देखा था, मेरे सामने आता और हम दोनों एक-दूसरे से कुछ खास बातें करते। वह अजनबी हमेशा मुझे खुश और संतुष्ट महसूस कराता, लेकिन मेरी आँखें फिर भी उसे पूरी तरह से पहचान नहीं पातीं। शुरुआत में, मैंने इसे सिर्फ एक सामान्य सपना समझा, लेकिन फिर कुछ ऐसा हुआ, जिससे मेरी सारी धारणाएँ बदल गईं।
मेरे सपने में वह अजनबी हर रात अलग-अलग रूपों में आता था। कभी वह एक साधारण आदमी जैसा दिखता, कभी वह किसी मस्त और रहस्यमयी स्थान पर बैठा होता। लेकिन हर बार, उसका चेहरा वही होता, एक आकाशीय चमक से घिरा हुआ चेहरा, जो मेरी आत्मा में एक अजीब सी शांति छोड़ जाता। उसकी आँखें गहरी और सजीव थीं, जैसे वह मुझे कुछ बताने की कोशिश कर रहा हो, लेकिन बिना एक शब्द कहे।
एक रात, जब मैं गहरी नींद में था, मैंने देखा कि वह अजनबी मेरे पास आया और धीरे से मेरे कंधे पर हाथ रखा। उसकी आवाज़ हल्की, सॉफ्ट थी, जैसे वह मुझे कोई रहस्य बता रहा हो। उसने कहा, "तुम्हारे जीवन का सबसे बड़ा राज़ तुम्हारे भीतर ही है, तुम सिर्फ उसे पहचान नहीं पा रहे हो।"
मैं चौकन्ना हो गया, लेकिन उसकी बातों को समझने में मुझे परेशानी हो रही थी। क्या वह मुझे कोई भविष्य बताने आया था? या फिर यह सिर्फ एक सपना था? अगले कुछ दिनों तक मैं अपने सपनों पर ध्यान देने लगा। लेकिन यह अजनबी अब मेरे जीवन का हिस्सा बन चुका था, और मुझे उसका हर संदेश समझने की कोशिश करनी पड़ी।
फिर एक दिन, जब मैं अपने काम में व्यस्त था, अचानक मेरी नज़र उस अजनबी पर पड़ी। वह कहीं दूर खड़ा था, मेरे सामने, जैसे वह मुझसे कुछ कहना चाहता हो। मैं चौंका और उसकी ओर बढ़ा, लेकिन जैसे ही मैं उसकी तरफ बढ़ने लगा, वह धुंधला होने लगा और अचानक गायब हो गया। मुझे ऐसा महसूस हुआ जैसे वह मुझसे दूर चला गया हो, लेकिन उसकी उपस्थिति ने मेरे भीतर एक अजीब सा बदलाव ला दिया था।
अगले कुछ दिनों में, मैंने महसूस किया कि वह अजनबी मेरे सपनों से बाहर भी मेरी ज़िन्दगी का हिस्सा बन चुका था। मैंने अपने फैसलों में अधिक विश्वास महसूस किया, और मेरे कार्यों में एक नई ऊर्जा आ गई। मेरी आँखों के सामने जो भी चुनौतियाँ आईं, मैंने उन पर विजय प्राप्त की। ऐसा लगा जैसे मैं किसी आंतरिक शक्ति से जुड़ गया हूँ।
यह वही क्षण था जब मुझे समझ में आया कि वह अजनबी कोई और नहीं, बल्कि मेरा भविष्य था। वह मेरे भीतर के आत्मविश्वास का प्रतीक था, वह मेरे ही अस्तित्व का एक हिस्सा था, जिसे मैं पहचान नहीं पा रहा था। उसका संदेश साफ था - "तुम जो बनना चाहते हो, वह पहले से ही तुममें है।"
अब मुझे समझ में आ गया कि सपने हमें सिर्फ भटकाने नहीं आते, बल्कि यह हमारे भीतर के सत्य को जानने का एक रास्ता होते हैं। वह अजनबी मेरा आत्मविश्वास था, मेरा भविष्य था, जिसे मैंने अपने सपनों में देखा और धीरे-धीरे पहचान लिया।
अब मैं रोज़ अपने सपनों को न सिर्फ एक अजनबी के रूप में देखता, बल्कि एक साथी के रूप में। वह अजनबी मेरे जीवन के सबसे अनमोल रहस्य का प्रतीक बन चुका था, और उसने मुझे सिखाया कि जो भी हम ढूंढ़ते हैं, वह पहले से ही हमारे भीतर मौजूद होता है। हमें बस उसे पहचानने की जरूरत है।
Moral:
कभी-कभी, जीवन में हम जो खोजते हैं, वह हमारे भीतर ही होता है। हमें बस अपनी अंतरात्मा की सुनने और अपने भीतर छुपे हुए साहस और आत्मविश्वास को पहचानने की जरूरत होती है।
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